कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥ पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥ त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥ नमो नमो जय नमो शिवाय । सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥ सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥ शिवाष्टकस्तोत्र https://shiv-chalisa-lyrics-in-hi18022.wikienlightenment.com/7177184/not_known_details_about_shiv_chalisa_lyrics_in_english_with_meaning