मिल मालिक की सारी अनुनय-विनय बेकार गई। देश के प्रधानमंत्री ने कम मूल्य की साड़ियाँ ही दाम देकर अपने परिवार के लिए खरीदीं। ऐसे महान थे शास्त्रीजी, लालच जिन्हें छू तक नहीं सका था। पंचतंत्र की कहानी: मूर्ख बातूनी कछुआ – murkh batuni kachua आम का मोह – ज्ञानवर्धक प्रेरणादायक https://lokhitkhabar.com/