ऊपर दिए गए लंबे मंत्र की तरह यह भी लंबा है, लेकिन उच्चारण में सरल है। वह इस प्रकार है- इसीलिए इनके विसर्जन को लेकर ध्यान रखें. हे गौरी शंकरार्धांगिं! यथा त्वं शंकरप्रिया। ज्योतिष में विवाहेतर संबंधों की संभावना Should you have tried using every thing although not obtaining accomplishment https://www.instagram.com/upay_totke/